महत्व (Importance)
महत्व
क्या कहा, इसका महत्व नही
किसने कहा…हाँ…किसने कहा
ये क्या वक़्त है जहाँ शब्दों का कोई मोल नही
बस वक़्ता की पहचान है|
मेरी जीत, तुम्हारी जीत, हमारी जीत
ये बातें गयी कबकी बीत
अपनी असफलता का पश्चाताप नही,
उनकी सफलता का संताप है|
समाज़ वो ग़लत नही
जहाँ अच्छे कर्म नही होते,
ग़लत वो, जहाँ उन अच्छे कर्मों को
महत्व नही मिलते,
उन कर्मवीरों को पहचान नही मिलते,
उन कोशिशों को अंजाम नही मिलते,
जहाँ विचारों से उपर संबंध हैं,
जहाँ सच से उपर स्वार्थ है
और जहाँ ‘क्या कहाँ आपने’ से पहले प्रश्न है
‘कौन हो तुम’?